Government Cancer Hospital AIIMS Delhi | National Cancer Institute Jhajjar, Haryana 2023 | Best Cancer Center AIIMS Delhi

Government Cancer Hospital AIIMS Delhi | National Cancer Institute Jhajjar, Haryana 2023 | Best Cancer Center AIIMS Delhi

National Cancer Institute Jhajjar, Haryana

2023

राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (NCI यानी National Cancer Institute Jhajjar, Haryana) कैंसर के इलाज के लिए एक समर्पित एवं स्पेशलिस्ट गवर्नमेंट स्वास्थ्य सेवा संस्थान है। यह हरियाणा के झज्जर में स्थित AIIMS दिल्ली का ही एक दूसरा परिसर है, या आप इसे AIIMS Delhi का एक डेडिकेटेड ब्रांच भी कह सकते हैं। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक वित्त पोषित स्वास्थ्य देखभाल की परियोजनाओं में से एक है, जिसकी कुल लागत लगभग 2035 करोड़ रुपये है।

इस संस्थान की परिकल्पना कैंसर स्वास्थ्य देखभाल में अंतर को भरने, रोगियों को अत्याधुनिक सुविधा प्रदान करने और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए की गई है। यह संसथान कैंसर के विभिन्न प्रकार जैसे मुंह के कैंसर, पित्ताशय के कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर आदि की रोकथाम, शीघ्र निदान एवं इसके प्रबंधन के माध्यम से विभिन्न प्रकार की उपलब्ध सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

Government Cancer Hospital AIIMS Delhi

जैसा की मैंने आपको ऊपर बताया कि ये AIIMS दिल्ली का ही एक स्पेशिलिस्ट ब्रांच है जहाँ केवल कैंसर मरीजों का ही इलाज होता है इसलिए इसे Government Cancer Hospital की भी संज्ञा दी जाती है। अब हम आगे बढ़ते हुए इस गवर्नमेंट कैंसर हॉस्पिटल की सभी मुख्य विशेषताएं जानते हैं।

NCI AIIMS के झज्जर, हरियाणा केम्पस को 60 एकड़ यानी 2.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में स्थापित किया गया है। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में कैंसर की रोकथाम, देखभाल और अनुसंधान के लिए 700 से अधिक बिस्तर, 350 से अधिक रेजिडेंशियल फैसिलिटी तथा डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए 600+ छात्रावास कमरे हैं।

राष्ट्रीय कैंसर संस्थान एशिया की पहली पूर्णतः स्वचालित कोर-लैब में से एक है।

National Cancer Institute Jhajjar, Haryana का भूमि पूजन 12 दिसंबर, 2015 को माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री द्वारा किया गया था। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान दिसंबर 2018 को प्रथम चरण के साथ शुरू हुआ, जिसमें 250 बेड, ओपीडी एवं OT शामिल थे। यहाँ मार्च 2019 में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी और न्यूक्लियर मेडिसिन की सेवाएं भी शुरू की जा चुकीं हैं। इस योजना में अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण एवं सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

यह गवर्नमेंट कैंसर हॉस्पिटल पूरी तरह से पेपरलेस है, यहाँ के आईसीयू और ओटी सिस्टम को भी पूरी तरह से पेपरलेस रखा गया है।

यह भारत की पहली सार्वजनिक क्षेत्र की प्रोटोन सुविधा, जो पूरी तरह से एकीकृत होने के साथ देश में कैंसर रोगियों के उपचार में एक नया प्रतिमान है और अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है।

राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में 6 ब्लॉक शामिल है।

  1. अस्पताल ब्लॉक (क्षेत्रफल – 56324 वर्गमीटर)
  2. ओपीडी ब्लॉक (क्षेत्रफल – 11252.26 वर्गमीटर) जिसमें 1200 लोगों के लिए प्रतीक्षा क्षेत्र यानी वेटिंग एरिया के साथ 60+ सलाहकार डॉक्टर के कमरे बने हुए हैं।
  3. डायग्नोस्टिक ब्लॉक (क्षेत्रफल – 17757 वर्गमीटर) अत्याधुनिक कोर लैब सुविधा
  4. अनुसंधान उद्देश्यों के लिए ऊतक के नमूनों को छांटने के लिए बायो-बैंक सुविधा के साथ अनुसंधान ब्लॉक (क्षेत्र- 14713 वर्ग मीटर)
  5. शैक्षणिक ब्लॉक (क्षेत्र- 13669 वर्ग मीटर) जिसमें 12 पीआई आधारित अनुसंधान प्रयोगशाला और 450 से अधिक लोगों की क्षमता का एक सभागार बना हुआ है।
  6. आवासीय सुविधा एवं गेस्ट हाउस ब्लॉक (क्षेत्र- 7653 वर्ग मीटर) इसमें कैफेटेरिया, व्यायामशाला और सेमिनार कक्ष आदि सहित 90 कमरे बनाये गए हैं।

एनसीआई द्वारा प्रदान की जा रही कैंसर की रोकथाम और इलाज में भारतीय चिकित्सा प्रणालियों की भूमिका पर शोध के लिए आयुष विभाग के साथ सम्मिलित सहयोग कर रहा है। एनसीआई उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान करने के लिए USA के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर, फ्रांस के ला फाउंडटन डी आई एकेडमी डी मेडिसिन, UK के क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में बार्ट्स कैंसर इंस्टीट्यूट और कई अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ भी सहयोग कर रहा है।

All Specialty Division NCI Jhajjar, Haryana

इस हॉस्पिटल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी के बाद अब हम यहाँ बने हुए सभी स्पेशिलिस्ट विभागों के बारे में विस्तार से जानेगें।

1. Onco-Anaesthesia and Palliative Medicine

ओन्को-एनेस्थीसिया, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, झज्जर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का एक अभिन्न अंग हैं। विभाग, डॉ. (प्रोफेसर) सुषमा भटनागर के कुशल नेतृत्व में पैलिएटिव मेडिसिन विभाग के साथ काम करता है। ये विभाग एनेस्थिसियोलॉजी, गहन देखभाल, दर्द और आपातकालीन चिकित्सा के लिए भी सेवाएं प्रदान करता है।

इस विभाग में कार्यरत सभी डॉक्टर पेशेवर रूप से योग्य एनेस्थेसियोलॉजिस्ट और क्रिटिकल केयर चिकित्सक हैं और उन्होंने दर्द और अन्य लक्षण प्रबंधन के लिए कैंसर रोगियों के देखभाल कर्मियों के रूप में लम्बा अनुभव प्राप्त किया हुआ है। उनके पास कई वर्षों का शिक्षण अनुभव भी है।

विभाग का मिशन OPD और IPD दोनों उद्देश्यों के साथ कैंसर के रोगियों को अत्याधुनिक चिकित्सा और व्यापक देखभाल प्रदान करना है। इसमें विभिन्न नैदानिक विभागों, शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं, दर्द और उपशामक प्रक्रियाओं के लिए सेवाएँ शामिल हैं। विभाग के पास ऑन्कोलॉजी रोगियों की IPD देखभाल प्रदान करने के लिए 24 बेड वाला देखभाल वार्ड है जो तीव्र और पुराने दर्द प्रबंधन के लिए 24X7 अपनी सेवाएं प्रदान करता है।

कैंसर IPD देखभाल के लिए एवं जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए वार्ड में अच्छी तरह से प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ और फिजियोथेरेपिस्ट भी नियुक्त किये गए हैं। इस विभाग के पास रोगियों की सुविधा के लिए समर्पित एक ऑपरेशन थिएट भी है।

विभाग में 25 बिस्तरों वाली गहन देखभाल इकाई [ICU] है जो सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी और विकिरण ऑन्कोलॉजी विभागों के गंभीर रूप से बीमार रोगियों की देखभाल प्रदान करती है। आईसीयू अत्याधुनिक तकनीक और अच्छी तरह से प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा संचालित किया जाता है।

ये विभाग शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए व्यापक देखभाल प्रदान करता है। इसमें सर्जिकल हस्तक्षेप के लिए प्रीऑपरेटिव मूल्यांकन एवं प्री-एनेस्थेटिक क्लिनिक है। ऑपरेटिंग कमरे अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित हैं, जिसमें एनेस्थीसिया वर्कस्टेशन और अन्य सहायक उपकरण जैसे इनवेसिव मॉनिटरिंग डिवाइस, इंट्यूबेटिंग फाइबरस्कोप, अल्ट्रासाउंड मशीन आदि शामिल हैं।

इस केंद्र में अच्छी तरह से सुसज्जित रिकवरी क्षेत्र है जो पोस्टसर्जिकल रोगियों को तत्काल देखभाल प्रदान करता है। सभी सर्जिकल रोगियों को संकाय द्वारा चौबीसों घंटे तीव्र दर्द प्रबंधन सेवाएं प्रदान की जाती है। विभाग ऑपरेटिंग रूम, IPD देखभाल वार्ड और गहन देखभाल में निदान के लिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा प्रदान करता है।

विभाग सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी जैसी अन्य विशिष्टताओं के साथ भर्ती मरीजों को एयर एम्बुलेंस और वेंटिलेटरी सहायता सहित आपातकालीन सेवाएं प्रदान करता है। कीमोथेरेपी या विकिरण थेरेपी के कारण दर्द के प्रबंधन के लिए सेवाएं भी इन विभागों द्वारा चौबीसों घंटे प्रदान की जाती हैं।

ये विभाग सप्ताह में 5 दिन ओपीडी भी चलाते हैं जहां कैंसर के दर्द के रोगियों की जांच और उपचार की जाती है और यदि आवश्यक हो तो देखभाल के लिए रोगियों को भर्ती करते हैं। इन ओपीडी में प्री एनेस्थीसिया जांच के लिए भी मरीजों को देखा जाता है।

2. Surgical Oncology

कैंसर विश्व स्तर पर एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर रहा है। WHO GLOBOCAN 2020 के अनुसार, भारत में हर साल कैंसर के 1.32 मिलियन नए मामले सामने आते हैं जिसमें 0.85 मिलियन लोग इस घातक बीमारी का शिकार होते हैं। कैंसर के उपचार के लिए मल्टीमॉडल प्रबंधन दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।

कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी मुख्य तरीकों में से एक है और 90% कैंसर रोगियों को थोड़े से सर्जिकल इंटरफेरेंस की ही  आवश्यकता होती है। कैंसर प्रबंधन से संबंधित सर्जिकल विशेषज्ञता को सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के रूप में जाना जाता है।

सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की सेवाएं 1988 में शुरू की गईं थी। प्रोफेसर एनके शुक्ला कैंसर सर्जिकल सेवाएं शुरू करने वाले पहले फेकेल्टी थे और इसमें डॉ. एसवीएस देव 1995 में दूसरे संकाय के रूप में शामिल हुए। बाद में इस यूनिट को एक स्वतंत्र विभाग के रूप में मान्यता दी गई। वर्ष 2001 में मरीजों की सुविधाओं के लिए सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग और 2005 में सेवाओं को 46 सर्जिकल बेड, 6 बेड वाले आईसीयू और 3 प्रमुख ऑपरेशन थिएटरों की सुविधा के साथ विस्तारित किया गया।

यहाँ एमसीएच सर्जिकल ऑन्कोलॉजी कार्यक्रम 2012 में शुरू किया गया था। विभाग ने संस्थान के भविष्य की योजना और स्थापना में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई।

सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के विभिन्न कार्यक्षेत्र

  1. स्तन सर्जिकल ऑन्कोलॉजी
  2. सिर एवं गर्दन सर्जिकल ऑन्कोलॉजी
  3. गैस्ट्रो-आंत्र सर्जिकल ऑन्कोलॉजी
  4. हेपेटो-पैनक्रिएटो-पित्त सर्जिकल ऑन्कोलॉजी
  5. स्त्री रोग संबंधी सर्जिकल ऑन्कोलॉजी
  6. यूरोलॉजिकल सर्जिकल ऑन्कोलॉजी
  7. थोरैसिक सर्जिकल ऑन्कोलॉजी
  8. हड्डी एवं एसटीएस सर्जिकल ऑन्कोलॉजी
  9. विशेष कार्यक्रम
  10. पेरिटोनियल सतह की घातकताएँ
  11. जेनेटिक्स क्लिनिक और जोखिम कम करने वाली सर्जरी
  12. मिनिमल एक्सेस सर्जरी
  13. प्रशामक सर्जिकल ऑन्कोलॉजी
  14. ऑन्कोप्लास्टिक और माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी
  15. नेविगेशनल सर्जरी
  16. इंट्रा-ऑपरेटिव रेडियोथेरेपी

विभाग की तीन प्रमुख गतिविधियों में रोगी देखभाल, शिक्षण एवं प्रशिक्षण और अनुसंधान शामिल है।

रोगी देखभाल सेवाएँ एवं सुविधाएं

  • ये विभाग स्तन, सिर और गर्दन, वक्ष, गैस्ट्रो-आंत्र, एचपीबी, स्त्री रोग और जेनिटो-मूत्र कैंसर और सारकोमा के लिए सर्जिकल विशेषज्ञता प्रदान करता है।
  • विभिन्न प्रकार के कैंसर के लिए प्रमुख और जटिल सर्जिकल ऑन्कोलॉजी प्रक्रियाएं।
  • नैदानिक और चिकित्सीय प्रक्रियाओं सहित व्यापक एंडोस्कोपी सेवाएं।
  • विभाग में हर साल औसतन 2000 बड़ी कैंसर सर्जरी और 5000 छोटी सर्जरी और एंडोस्कोपी प्रक्रियाएं की जाती है।

विशेष शल्य चिकित्सा कार्यक्रम

विभाग मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (लैप और वैट), पेरिटोनियल सरफेस मैलिग्नेंसीज (साइटोरिडक्टिव सर्जरी, एचआईपीईसी और पीआईपीएसी), ऑन्कोप्लास्टिक और माइक्रोवास्कुलर सर्जरी, जोखिम कम करने वाली सर्जरी, नेविगेशनल सर्जरी, अंग संरक्षण और इंट्रा सहित उन्नत और अत्याधुनिक सर्जिकल कार्यक्रमों को शुरू करने में अग्रणी है।

शिक्षण और प्रशिक्षण

विभाग MCH सर्जिकल ऑन्कोलॉजी कार्यक्रम चलाता है, जो भारत में अग्रणी और लोकप्रिय एमसीएच कार्यक्रमों में से एक है। इसके अलावा, विभाग सामान्य सर्जनों को दीर्घकालिक और अल्पकालिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। विभाग ने पिछले 25 वर्षों के दौरान 150 से अधिक कैंसर सर्जनों को प्रशिक्षित किया है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं।

अनुसंधान

इस विभाग के फेकेल्टी अंतर्राष्ट्रीय परीक्षणों सहित कई सहयोगात्मक बुनियादी और नैदानिक ​​अनुसंधान परियोजनाओं में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। विभाग ने एक कम्प्यूटरीकृत व्यापक ऑन्कोलॉजी क्लिनिकल डेटा बेस विकसित किया है और वर्तमान में विभाग द्वारा संचालित 10,000 से अधिक कैंसर रोगियों से संबंधित व्यापक क्लिनिकल डेटा है। यहाँ के फेकेल्टी ने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 300 से अधिक वैज्ञानिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं।

अन्य गतिविधियाँ

विभाग के फेकेल्टी विभिन्न संगठनों जैसे एनबीई, आईसीएमआर, डीबीटी, डीएस, स्वास्थ्य मंत्रालय, आईएएसओ, आईएसपीएसएम, एबीएसआई और बीएसआई जैसे वैज्ञानिक निकायों के सदस्यों, विशेषज्ञों और सलाहकारों के रूप में सक्रिय रूप से शामिल हैं। विभाग नियमित रूप से विभिन्न तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करता रहता है। इसके साथ राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर के प्रमुख सम्मेलन (ICC 2013, NATCON 2021, ABSICON 2018 और INDO-UK ऑन्कोप्लास्टी पाठ्यक्रम, CRS और HIPEC आदि पर ISPSM-ESSO कैडेवर पाठ्यक्रम आयोजित करता रहता है।

ENT

राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, झज्जर में सिर और गर्दन ऑन्कोलॉजी विभाग, सिर और गर्दन के कैंसर के रोगियों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करने का प्रयास करता है। विभाग वर्तमान में विभिन्न प्रक्रियाओं सहित दैनिक OPD (सोमवार से शुक्रवार) प्रदान करता है। 5वीं मंजिल पर वर्त्तमान में 20-बेड वाले वार्ड में आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण क्लिनिकल इन-पेशेंट सेवाएं प्रदान की जाती है।

विभाग साप्ताहिक (सोमवार से शुक्रवार) आठ ऑपरेशन थिएटर चलाता है। यह प्रारंभिक स्टेज और उन्नत स्टेज के  मौखिक, स्वरयंत्र, सिर और गर्दन के कैंसर के लिए सर्जिकल उपचार प्रदान करता है।

3. Onco-Radiology

इस विभाग ने 1983 में एक्स-रे और मैमोग्राफी इकाई की मदद से अपना काम करना शुरू किया था। इसका धीरे-धीरे विकास हुआ और आज विभाग के पास एनसीआई झज्जर में 3 सीटी मशीनें, 1 एमआरआई, 2 डीएसए, डिजिटल ब्रेस्ट टोमोसिंथेसिस और कंट्रास्ट संवर्धित मैमोग्राफी के साथ 2 मैमोग्राफी इकाइयां हैं, इसके अलावा फ्लोरोस्कोपी और पोर्टेबल रेडियोग्राफी सहित कई अल्ट्रासाउंड और रेडियोग्राफी इकाइयां भी हैं। विभाग बीआरए-आईआरसीएच और एनसीआई झज्जर के OPD रोगियों और IPD रोगियों को सेवाएं प्रदान करता है।

ये विभाग कैंसर रोगियों को थेरेपी के साथ-साथ इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी सेवाएं भी प्रदान करता है। यहाँ डायग्नोस्टिक सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे एवं मैमोग्राफी की जाती है। इंटरवेंशनल प्रक्रियाओं में CT के तहत बायोप्सी और फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी, अल्ट्रासाउंड और मैमोग्राफी मार्गदर्शन, पर्क्यूटेनियस ट्रांसहेपेटिक पित्त जल निकासी, पर्क्यूटेनियस नेफ्रोस्टॉमी, ट्रांसआर्टेरियल एंजियोएम्बोलाइजेशन, दर्द से राहत के लिए तंत्रिका ब्लॉक, एनजी ट्यूब इंसर्शन, पर्क्यूटेनियस गैस्ट्रोस्टोमी, ट्यूमर एब्लेटिव प्रोवैक्यूम असिस्टेड बायोप्सी, क्लिप प्लेसमेंट शामिल हैं।

विभाग 24 घंटे के टर्न-अराउंड रिपोर्ट समय का दावा करता है। सभी रोगियों की नियमित इमेजिंग (सीटी और अल्ट्रासाउंड) की तारीखें अगले कार्य दिवस पर दी जाती हैं।

4. Nuclear Medicine

न्यूक्लियर मेडिसिन कैंसर चिकित्सा की एक विशेष शाखा है जिसमें रोगी देखभाल में नैदानिक और चिकित्सीय दोनों उद्देश्यों के लिए रेडियोफार्मास्यूटिकल्स की श्रृंखला शामिल है। एनसीआई के विभाग में डिजिटल रेडी 128 स्लाइस पीईटी/सीटी और 16 स्लाइस एसपीईसीटी/सीटी जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं हैं, और वर्तमान में सबसे अधिक किए जाने वाले ऑन्कोलॉजिकल अध्ययन प्रदान करता है।

Facilities Available  

  • 18-F FDG PET/CT
  • Renal Dynamic Scan
  • Gamma camera based GFR estimation
  • Multigated  Acquisition (MUGA scan)
  • Bone Scan
  • Thyroid Scan
  • HIDA (Hepatobiliary scan)
  • Sentinel node imaging
  • Lymphoscintigraphy
  • GHA brain SPECT

Next to start  

  • Ga-68 DOTANOC PET/CT scan
  • Ga-68 PSMA PET/CT scan
  • High dose Radionuclide Therapy Ward
  • Cyclotron

5. Pathology

AIIMS में पैथोलॉजी विभाग, जिसकी स्थापना 1957 में हुई थी, अपनी स्थापना के बाद से ही ये डिपार्टमेंट पैथोलॉजी सुविधा प्रदान करने के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। विभाग अनुसंधान, सेवा और शिक्षा में अग्रणी है। इसने पोषण, कोशिका विभेदन, महामारी विज्ञान, विषाणु विज्ञान, विभिन्न घातकताओं और तंत्रिका-विज्ञान से जुड़े चिकित्सा अनुसंधान में अग्रणी स्थान स्थापित किया है।

पैथोलॉजी विभाग कई वर्षों से पूरे AIIMS और डॉ. बी.आर.ए आईआरसीएच (डॉ. बी.आर. अंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल) को विशेष पैथोलॉजी और ऑन्कोपैथोलॉजी सेवाएं प्रदान कर रहा है।

एनसीआई झज्जर का पैथोलॉजी केंद्र यहाँ प्रदान की जाने वाली सभी ऑन्कोलॉजी सेवाओं की रीढ़ है। अपनी स्थापना के बाद से, विभाग लगातार ताकतवर होता गया है और इसका लक्ष्य हिस्टोपैथोलॉजी, साइटोलॉजी, इम्यूनोहिस्टोकेमिस्ट्री, साइटोजेनेटिक्स और मॉलिक्यूलर पैथोलॉजी की इकाइयाँ स्थापित करना है। एम्स दिल्ली की टीमों के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करते हुए ये कैंसर रोगियों की देखभाल और प्रबंधन के लिए समर्पित एक विश्व स्तरीय डायग्नोस्टिक सेंटर के रूप में अग्रसर है।

6. Medical Oncology

मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की स्थापना 1984 में हुई थी और अपनी स्थापना के बाद से, इसने नैदानिक, शिक्षण और अनुसंधान गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

विभाग वयस्क और बाल चिकित्सा, हेमेटोलॉजिकल और ठोस घातक रोगों में अपनी सेवाएं प्रदान करता है साथ ही साथ कई क्लीनिक भी चलाता है, जिनमें ल्यूकेमिया, मायलोमा और लिंफोमा, सिर और गर्दन के कैंसर, स्तन कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर, बाल चिकित्सा कैंसर, जेनिटोरिनरी कैंसर शामिल हैं, लेकिन ये विभाग यहीं तक सीमित नहीं हैं। यहाँ स्त्री रोग संबंधी कैंसर, नेत्र कैंसर, हड्डी और कोमल ऊतक कैंसर, और मस्तिष्क ट्यूमर, बोन मैरो एस्पिरेट, बायोप्सी, थोरैकोसेंटेसिस, प्लुरोसेंटेसिस, इंट्राथेकल कीमोथेरेपी आदि सहित कई डेकेयर प्रक्रियाओं की सुविधा भी प्रदान की जाती है।

इस विभाग में सभी कार्य दिवसों पर क्लिनिक चलाए जाते हैं, जो सालाना 15,000 से अधिक रोगियों को परामर्श प्रदान करते हैं। इसके अलावा, अत्याधुनिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट सेवाएं प्रदान की जाती हैं जिनमें एक समर्पित स्टेम सेल ट्रांसप्लांट वार्ड में ऑटोलॉगस, मैचेड सिबलिंग, हैप्लोआइडेंटिकल, गर्भनाल और मैचेड ट्रांसप्लांट शामिल हैं।

मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग एक डीएम और एक पीएचडी कार्यक्रम भी चलाता है, जिसके लिए हर छह महीने में एक राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जाती है।

यह विभाग अपनी प्रयोगशाला का सञ्चालन करता है जहां आरटी-पीसीआर, फिश, साइटोजेनेटिक्स, टिशू कल्चर और फ्लोसाइटोमेट्री आदि को पहले ही मानकीकृत किया जा चुका है। यहाँ स्टेम सेल भंडारण नियमित रूप से किया जाता है और सेल सेपरेटर की सहायता से रक्त घटक चिकित्सा प्रदान की जाती है।

मेडिकल ऑन्कोलॉजी स्कूलों और समुदायों में कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। मेडिकल ऑन्कोलॉजी संकाय पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से हेमटो-ऑन्कोलॉजी, कैंसर स्क्रीनिंग और जागरूकता, फेफड़ों के कैंसर, कैंसर टीम प्रबंधन, कोलोरेक्टल कैंसर, हेमटोपोइएटिक स्टेम सहित विभिन्न विषयों पर मेडिकल ऑन्कोलॉजी द्वारा आयोजित कई शिक्षा कार्यक्रमों / कार्यशालाओं / संगोष्ठियों में भाग ले रहा है।

7. Radiation Oncology

एनसीआई झज्जर में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग ने 29 मई, 2019 को ब्रैकीथेरेपी के साथ काम करना शुरू किया। इसके बाद, 14 नवंबर 2019 को एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, प्रमुख-एनसीआई डॉ. जीके रथ और विभागाध्यक्ष डॉ. डीएन शर्मा की उपस्थिति में लीनियर एक्सेलेरेटर सुविधाओं का उद्घाटन किया गया। तब से लगभग 33,000 से अधिक विकिरण अंशों को वितरित किया गया है और 1108 रोगियों का ब्रैकीथेरेपी के साथ इलाज किया गया है। विकिरण उपचार वितरण के अलावा यहाँ ओपीडी और आईपीडी सेवाएं भी चल रही है।

अन्य विभागों के सहयोग से साइट और अंग-विशिष्ट ओपीडी सेवाएं नवंबर 2019 से चल रही हैं। इनके पास 24 बिस्तरों वाले वार्ड के साथ पूरी तरह से कार्यारत आईपीडी सेवाएं हैं। रोगी देखभाल के प्रति इस विभाग का प्रयास इस तथ्य में परिलक्षित होता है कि कोविड-काल के दौरान जब सभी नियमित सेवाएं प्रभावित थीं, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग ने रोगी देखभाल में बाधा डाले बिना रोगियों को अपनी सेवाएं प्रदान कीं।

8. Medical Physics

आईआरसीएच और एनसीआई में मेडिकल फिजिक्स यूनिट सभी एक्स-रे इमेजिंग मशीनों को परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) के नियमों के साथ लाइसेंसिंग और अनुपालन प्रदान करने, उन सभी विभागों को इमेजिंग संबंधी सेवाओं में विकिरण सुरक्षा और गुणवत्ता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो इमेजिंग में विकिरण का उपयोग करते हैं।

9. Preventive Oncology

निवारक ऑन्कोलॉजी में वे उपाय शामिल हैं जो कैंसर के विकास को रोकने या इसकी प्रगति में देरी करने के लिए किए जाते हैं। कैंसर की रोकथाम तीन प्रमुख स्तरों पर की जाती है।

  1. प्राथमिक कैंसर रोकथाम:- यह स्वास्थ्य संवर्धन, प्रेरक कारकों की पहचान करने और कैंसर के खतरे को कम करने पर केंद्रित है। उदाहरण के लिए, शराब और तंबाकू की समाप्ति, वजन में कमी, टीकाकरण, स्वस्थ जीवन शैली, आदि।
  2. माध्यमिक कैंसर की रोकथाम: यह लक्षणों की शुरुआत से पहले स्क्रीनिंग के माध्यम से कैंसर का शीघ्र पता लगाने पर ध्यान केंद्रित करता है जब कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज होने की संभावना होती है। उदाहरण के लिए, मैमोग्राफी, एचपीवी-डीएनए परीक्षण, मौखिक दृश्य निरीक्षण, पीएसए परीक्षण, आदि।
  3. तृतीयक कैंसर की रोकथाम: यह कैंसर के निदान के बाद प्रगति में देरी करने और माध्यमिक घातकताओं जैसी जटिलताओं को रोकने पर केंद्रित है।

यह क्यों महत्वपूर्ण है

कैंसर के जोखिम और घटनाओं को कम करने के लिए कैंसर की रोकथाम व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों स्तरों पर की जाती है। कैंसर को रोकने से, कैंसर के नए मामलों की संख्या कम हो जाएगी और इस प्रकार समग्र कैंसर का बोझ कम हो जाएगा। शीघ्र निदान से सर्वोत्तम कैंसर प्रबंधन और बेहतर उत्तरजीविता को बढ़ावा मिलेगा।

एनसीआई, झज्जर में प्रिवेंटिव ऑन्कोलॉजी में भारत में कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण के लिए साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण और तकनीकी संसाधन विकसित करने की निम्नलिखित परिकल्पना की गई है।

  1. देश में कैंसर की रोकथाम और शीघ्र पता लगाने की रणनीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नैदानिक और परिचालन अधिदेशों का विकास।
  2. कैंसर की रोकथाम, शीघ्र पता लगाने और प्रबंधन में क्षमता निर्माण, और बेहतर रेफरल नेटवर्किंग।
  3. कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण में सामुदायिक जागरूकता और शैक्षिक कार्यक्रम लागू करना।
  4. कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण के क्षेत्र में अनुवाद संबंधी अनुसंधान।

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